द्विजेंद्रलाल राय द्वारा रचित ‘चन्द्रगुप्त’ एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक नाटक है, जो मौर्य साम्राज्य के संस्थापक सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के जीवन पर आधारित है। यह नाटक केवल इतिहास की घटनाओं का वर्णन नहीं करता, बल्कि चंद्रगुप्त और उनके गुरु, महान रणनीतिकार चाणक्य के बीच के अद्भुत संबंधों को भी दर्शाता है। नाटक में चंद्रगुप्त के अपने सौतेले भाई नंदा को हरा कर मगध के सिंहासन पर बैठने की गाथा है। इसमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ-साथ लेखक द्वारा रचित कुछ काल्पनिक पात्र और उप-कथाएं भी हैं, जो इसे और अधिक रोचक बनाती हैं।
यह नाटक भारतीय इतिहास के एक स्वर्णिम अध्याय को जीवंत कर देता है, जिसमें राजनीति, सत्ता संघर्ष, प्रेम, और देशभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। नाटक की भाषा सरल और प्रभावशाली है, जो इसे हर पाठक के लिए सुलभ बनाती है। यह ई-बुक उन सभी के लिए एक आवश्यक संग्रह है, जो भारतीय इतिहास, नाटक साहित्य, या द्विजेंद्रलाल राय के लेखन में रुचि रखते हैं।
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