“Godan” प्रेमचंद द्वारा लिखित एक कालजयी हिंदी उपन्यास है, जो भारतीय ग्रामीण समाज की जड़ समस्याओं और किसान जीवन की यथार्थवादी झलक प्रस्तुत करता है। यह कहानी है होरी और उसकी पत्नी धनिया की, जो गरीबी, शोषण और सामाजिक अन्याय के बीच अपने सपनों को जीवित रखने की कोशिश करते हैं।
गोदान केवल एक किसान की कहानी नहीं है, बल्कि यह भारत के उस वर्ग की आवाज़ है जो सदियों से दबा-कुचला रहा है। उपन्यास में ज़मींदारी प्रथा, कर्ज, जात-पात और महिलाओं की दशा जैसे विषयों को बेहतरीन तरीके से चित्रित किया गया है।
उपन्यास की विशेषताएँ:
ग्रामीण भारत की सच्चाई: प्रेमचंद ने भारत के गांवों की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत की है, जहाँ किसान सिर्फ मेहनत ही नहीं करता बल्कि लगातार संघर्ष भी करता है।
सामाजिक विषमता का चित्रण: जातीय भेदभाव, आर्थिक असमानता और सामाजिक व्यवस्था पर गहरा प्रहार।
नारी की भूमिका: धनिया जैसे पात्रों के माध्यम से स्त्री-सशक्तिकरण का सशक्त चित्रण।
मानव मनोविज्ञान: पात्रों के भीतर चल रही जटिल मानसिक उथल-पुथल को अत्यंत सूक्ष्मता से उकेरा गया है।
प्रेरणादायक संदेश: यह उपन्यास संघर्ष के बावजूद उम्मीद न छोड़ने और आत्मसम्मान के साथ जीने का संदेश देता है।
“गोदान” भारतीय साहित्य का एक ऐसा स्तंभ है जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना यह पहले था।
"गोदान" एक सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध क्लासिक हिंदी साहित्य है।
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